जबलपुर समाचार

कौमी एकता के पैरोकार कदीर सोनी सियासत जिन पर नाज़ करती है

जबलपुर/नरसिंहपुर केसरी- वोह नेता तो हैं लेकिन नेताओं की तरह नहीं हैं…सियासत करते हैं लेकिन सियासी दांव पेंच उन्हें पसंद नहीं.. छल,कपट,झूठ,ईर्ष्या, घमण्ड उनकी डिक्शनरी में नहीं है..जो वादा कर दिया उसे हर हाल में पूरा करेंगे..कहते वही हैं जो करना है..जो कर नहीं सकते उसे कहते भी नहीं.. हक,सच्चाई, ईमानदारी, परहेजगारी व वफादारी उनके किरदार को आफताब की मानिंद चमकाती है..बेशक सियासत जिन पर नाज करती है उस नामवर शख्सियत का नाम है मुहम्मद कदीर सोनी.
मध्य प्रदेश में संस्कारधानी  के नाम से मशहूर जबलपुर की राजनीति में आपका शुमार उन चन्द दिग्गज व प्रभावशाली नेताओं में होता है जिनकी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कद्र की जाती है. सियासत के मौजूदा दौर में जब वोटों की खातिर समाज को जाति और धर्म के नाम पर बांट दिया गया है, ऐसे माहौल में भी कदीर सोनी हर मजहब के लोगों में एक अच्छे इंसान और समाजसेवक के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
यह बात जगजाहिर है कि कांग्रेस के इस हर दिल अजीज नेता ने राजनीति को कभी पेशा नहीं बनाया. गरीबो, जरूरतमंदों और पीड़ित मानवता की सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया. एनएसयूआई से शुरू हुआ सियासी सफर चार दशकों से जारी है. युवक कांग्रेस के साथ ही मुख्य संगठन में कई पदों पर रहते हुए पार्टी व जनहित में सैकड़ों कार्य किए. पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह के विश्वासपात्र कदीर सोनी अपनी मेहनत, लगन, रचनात्मक कार्यों और पार्टी के प्रति समर्पण के कारण एमपी की राजनीति में सर्वमान्य नेता के रूप में उभरे हैं. प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित सूबे के सभी बड़े नेताओं से आपके मधुर सम्बंध हैं। यही वजह है कि जब सन 2008 के विधानसभा चुनाव में आला कमान ने आपको जबलपुर मध्य सीट से उमीदवार बनाया था, तब सभी बड़े नेताओं ने एक राय होकर आपका सपोर्ट किया था. यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि 27 नवंबर को मतदान था और एक दिन पहले 26/11 को मुंबई में आतंकवादी हमला हो गया जिसके चलते चार राज्यों में भाजपा का परचम लहराया. इस विषम हालात में  मतों के धुर्वीकरण के बावजूद इस मिलनसार सहज सरल नेता ने छत्तीस हजार से ज्यादा वोट हासिल कर राजनीति के जानकारों को हैरान कर दिया था. इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव  में कांग्रेस ने अपने लोकर्य्रिय व सक्रिय नेता कदीर सोनी को दुबारा रिपीट ना कर नरेश सराफ को टिकिट दे दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि उत्तर मध्य में कांग्रेस को लगभग पैंतीस हजार वोटों की हार झेलनी पड़ी वहीं पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को अप्रत्याशित रूप से हार का सामना करना पड़ा. 2018 के विधानससभा चुनाव में आपने उत्तर मध्य व पूर्व क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. शहडोल लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी के रूप में संगठन के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं दीं हाल ही में पार्टी ने आपको डिंडौरी जिले का प्रभारी मनोनीत किया है।
पूरी तरह से कांग्रेस के लिए समर्पित रहने के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दो बार जबलपुर विकास प्राधिकरण जेडीए का उपाध्यक्ष बनाया. इस दौरान एक बार उपमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया। जिला सरकार में सदस्य के रूप में जनहित में किए गए आपके  कार्य हमेशा याद रखे जायेंगे. 22 मई 1997  को जबलपुर में आए विनाशकारी भूकम्प से आप इतने व्यथित हुए कि तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रोटोकाल तोड़कर  आपके साथ आपके निजी वाहन से मिलौनीगंज, गोहलपुर आदि क्षेत्र पहुंचे. और  भूकम्प से हुए नुकसान का घर घर जाकर जायजा लिया एवं पीड़ितों की मदद की
खिदमते खल्क को इबादत मानने वाले हाजी कदीर सोनी दिल खोलकर गरीबों जरूरतदों की मदद करते हैं. ना जाने कितनी विधवा औरतों की हर माह आर्थिक सहायता करने वाले कदीर सोनी कई यतीम बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं. हर माह  कई घरों में राशनकिट गुपचुप पहुंचाने वाले इस सखी नेता को यह बिल्कुल पसंद नहीं कि उनकी नेकियों का ढिंडौरा पीटा जाए. साल के 365 दिन दरियादिली दिखाने वाले हंसमुख व मिलनसार कदीर सोनी को हर उस नेक काम में सुकून मिलता है जिससे अल्लाह और उसके नबी राजी  हों. यह जानकर आपको हैरानी होगी कि उन्हे ना तो इस लेख की खबर है और ना ही खुद के जन्मदिन की भनक जब हमने  उन्हें ‘हैप्पी बर्थ डे’ कहा तो उन्होंने कहा मुझे खुद नहीं मालूम कि मेरा जन्मदिन कब है? ज़ाहिर है। उन्हें यह कल्चर पसंद नहीं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन्होंने इस बात का तसव्वुर भी नहीं किया होगा कि उनके जन्मदिन पर पहली बार लेख कि प्रकाशन किया जा रहा है। दरअसल हमारा मकसद है कि हम उनका हौसला बढ़ाकर उनके सेवा के मिशन को और व्यापक बनायें साथ ही ऐसे नेता एवं धन्नासेठ उनके कामों से सबक ले सकें जिनके पास अपार दौलत है लेकिन मदद के लिए हाथ बढ़ाने का हौसला नहीं है। मानवीय सेवाओं के साथ दीन के काम में आपका योगदान काबिल-ए-तारीफ है. लेकिन उसका जिक्र कर हम उन्हें नाराज करना नहीं चाहते. जबलपुर की गंगा जमुनी तहजीब के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान है. चार दशकों के सियासी सफर में सैंकड़ों बार ऐसा वातावरण निर्मित हुआ जब संस्कारधानी की कौमी एकता संकट में नज़र आयी ऐसे विपरीत माहौल में हमेशा आप शांति का मसीहा बनकर उभरे. कई बार उपद्रवियों के बीच जाकर अपनी जान जोखिम डाली..लेकिन हर बार परचम शांति का लहराया। कदीर सोनी उस किरदार के मालिक हैं जिसकी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है।
कितना भी तनाव हो चेहरा हमेशा चमकता दमकता रहता है. ज्यादा सुनना और कम बोलना आपकी आदत है. दोस्तों से यारी निभाना कोई आपसे सीखे..लेकिन इससे बढ़कर बड़ी बात यह है कि अपने राजनैतिक विरोधियों से भी गर्मजोशी के साथ मिलकर उन्हे इतनी इज्जत देते हैं कि बड़े से बड़ा विरोधी यह कहने लगता है- वाकई कदीर सोनी एक शख्सियत नेता हैं सियासत जिन पर नाज करती है।

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