आर्टिकल

 “वर्तमान और भविष्य (फ्यूचर) मेडिसिन ऑफ़ होम्योपैथी” यानि अतिआधुनिक चिकित्सा पद्धति

HOMOEOPATHY PROVED AND PREFFERED

Healing people ….Changing Lives

DERE TOBE WISE

आप सभी सुनते आ रहे है और देखते आ रहे है की जब उपचार की बात हो तो सभी राजनेता अभिनेता एक्ट्रेस बुद्धिजीवी पढ़े लिखे और व्यापारी उद्योगपति और शिक्षावित राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन से लेकर समस्त राजभवनों में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की ओपीडी है उसमे सभी उपचार लेते आ रहे है समस्त भारत में शासकीय डिस्पेंसरिया है रिसर्च सेंटर स्थापित है उनका लाभ अब सभी दिन प्रतिदिन सभी इस सस्ती और कारगर दोषरहित दुष्प्रभाव रहित और दर्द रही उपचार ले कर उतनी ही जल्दी स्वास्थ्य लाभ ले रहे है जैसे और सभी चिकित्सा पद्धतियों से लोग ले रहे है पर ये भी दर्द और महंगी और दुष्प्रभव के साथ है जबकि होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा है जो आज भारत सरकार और विश्व और WHO विश्व स्वास्थ्य संघठन में जो प्रचार और प्रसर करके जन जागरूकता होलिस्टिक एप्रोच उपचार की बात सामने आई है वो डॉ हहनेमन् (1755 -1843 )से लेकर इसी उपचार पर निरंतर अपना इस दर्दभरी दुनिया को सफल उपचार करने वाली वैज्ञानिक होम्योपैथी चिकित्सा जो प्राकृतिक कारणों से चाहे एक्यूट डिजीज कंडीशन हो या क्रोनिक डिजीज क्योर की बात हो या palliation या suppresion के सफल उपचार की सिफारिस की जिसने उसको अपनाया आज भी एक निरोग जिंदगी जी रहे है इंजॉय कर रहे है इस चिकित्सा के बढ़ते बेहद सकारत्मक परिणाम और प्रभाव को देखते हुए आज फिर कुछ छोटी और गलत बेहूदी हरकत करके कभी उसको प्लेसिबो कहा कभी psoudoसाइंस कह के मजाक उड़ाते है तो कभी इसको गैर वैज्ञानिक चिकित्सा कह कर गलत प्रचार कराते है क्योंकि उन को आज इस बात से अच्छा नहीं लगता की मरीजो को सस्ता और दुष्प्रभवशील उपचार मिले बल्कि ये इस बात को वैज्ञानिक मानते है जो मंहगी भी हो और दर्द भी दे जब ही कारगर उपचार होता है अगर किसी भी समान्य और गंभीर बीमारियो के उपचार में उसका घर द्वार और जमीनें ना बिक जाये और वो परिवार भिखारी ना हो जाये जब तक वो वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति नहीं होती तब तक उसको समाज में स्थान नहीं मिलता है बस ये ही कारण होम्योपैथी चिकित्सा के रास्ते आ रहा है की इसमें करोडो अरबो के घुटाले सम्भव नहीं है
साथ ही इसमें मात्र मीठी गोलिओ से ही चाहे सर्जिकल डिजीज जो प्राकृतिक कारणों से शरीर में चाहे शरीर में बहरी या भीतरी वाइटल ऑर्गन में हो उनका सफल उचार है चाहे ब्रेन हो या हार्ट हो लिवर हो किडनी इंटेस्टाइन हो ,बच्चा दानी हो आदि
किसी तरह की इंजोरी या इमरजेंसी में भी जिसमे मेजर सर्जिकल की जरुरत ना हो पर पोस्ट सर्जिकल केस में भी इसकी महत्वता बहुत होती है
मैं आपको कुछ ऐसे ही केस जो मेरे दुवारा ही होम्योपैथी चिकित्सा उपचार से ठीक हुए है उनके बारे में आपको विस्तार से बताना उचित समझता हूँ मैं आपको कोई भ्रम नहीं बल्कि होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति और चिकित्सिको के प्रति जो लोग भ्रमित है ये बना चाहता हूँ
आज एक ही आवाज़ आती है की आपकी होम्योपैथी कैसे एक्शन करती है ?क्या इसके कोई साइड इफ़ेक्ट होते है ? मेरी बीमारी का नाम क्या है डायग्नोसिस क्या होम्योपथ पैथोलॉजी सम्बंधित बीमारियो को ठीक करने में सक्षम है ये मीठी -मीठी छोटी छोटी गोलियों से क्या ये संभव है जबकि इंजेशन और सर्जिकल ऑपरेशन से ये ठीक नहीं हुए है
होम्योपैथी चिकित्सा से इनका और ऐसे ही unsolved बीमारियो का जबाब है
होम्योपैथी चिकित्सा उपचार का एक्शन ओरल रूट नर्व के दुवारा शक्तिकृत दवाइयो को कम से कम खुराख से वाइटल फ़ोर्स को उत्तेजित यानि स्टिम्युलेट करती है उसके बाद शरीर में पहले नेचुरल डिजीज से अधिक शक्ति की आर्टिफीसियल डिजीज पैदा करती है और नेचुरल डिजीज को खत्म करती है जितना कम दवाइया को देगे उतना ही कम समय मरीज के रोग को खत्म होने या ठीक होने में समय लगेगा इसको क्यूरेटिव एक्शन या वाइटल फ़ोर्स का डिफेन्स एक्शन भी कहते है इस सभी प्रक्रिया को प्राइमरी और secndry एक्शन कहते है ये मात्र होम्योपैथी मेडिसिन की डायनामिक मेडिसिन में ही होता है मिनिमम एक्शन मिनिमम रिएक्शन साइंस के नियम पर आधरित है इसमें न्यूटन के थर्ड लॉ पर भी आधरित है डॉ हहनेमन् एक 19 सेंचुरी की आधुनिक चिकित्सा शिक्षा एवम् उपचार के MD मेडिसिन graduated MD यूनिवर्सिटी ऑफ़ Erlangen 10 अगस्त 1779 में उनकी MD में थीसिस “Conspectus adfectuum spasmodicorum aetiologicus” थी जिन्होंने 1796 में पहली बार लॉ ऑफ़ सिमिलिया यानि जिस दवाइयो को स्वास्थ्य मनुष्य में रोग के लक्षण या रोग पैदा करने की कैपेविटी होती है वो ही कोई भी बीमारी में या रोग के लक्षण और चिन्ह को क्योर करती है नेचुरल डिजीज चाहे एक्यूट हो या क्रोनिक डिजीज हो अब इस थेरोरी को नेचुरल एक्यूट और क्रोनिक डिजीज डॉ हहनेमन् ने दी जिसको लॉ ऑफ़ सेमिलिया से ही क्योर किया जा सकता है तभी से मेडिकल साइंस में क्योर शब्द आया अब होम्योपैथी का मतलब भी ये ही होता है homoeo मतलब सिमिलिया pathoes मतलब सफरिंग ये ग्रीक शब्द है इसी के आधार पर डॉ हहनेमन् ने क्लीनिकल क्लासिफिकेशन ऑफ़ डिजीज दिया पुरे वर्ल्ड के लिए
A.एक्यूट डिजीज (a).इंडिविजुअल एक्यूट डिजीज, (b.)sporadic एक्यूट डिजीज ,(c )एपिडेमिक एक्यूट डिजीज
1.Adyanamic या नॉन miasmetic और 2.डायनामिक डिजीज .या miasmetic डिजीज कहा ……
इसको और सरल किया
Adynamic डिजीज या बीमारिया जो ……प्राकृतिक कारण से नहीं होती है मतलब स्वास्थ्य मनुष्य बच्चा जवान बुजुर्ग महिला और पुरुष जैसे रोड एक्सीडेंट हो गया ,किसी ने पाइजन खा लिया किसी ने फ़ासी लगा ली किसी ने इंजोरी हो गई या फ्रैक्चर हो गया मतलब जिसमे कोई भी प्राकृतिक कारण ना हो
2.डायनामिक डिजीज जो स्वास्थ्य मनुष्यो में स्वतः ही पैदा हुई हो या किसी भी जगह स्थान और प्राकृतिक या अप्राकृतिक से आई हो या वंसागत हो लाइफ स्टायल की वजह से बीमारी कोई भी हो एक्यूट या क्रोनिक हो उसका उपचार होम्योपैथी चिकित्सा से होता है
अब आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिये की आज कितने स्वास्थ्य लोगो को दुर्घटना होती है और कितने लोग आज किसी भी लंबे या अचानक आये जिंदगी में बदलाव या स्थति प्ररस्थिति के कारण जख्मी होते है कोई पाइजन खता है कोई कूद कर जान देता है या किसी को दक्का दे कर मर दिया जाता है इसमें भी कही ना कही नेचुरल कॉज हो सकता है ये भी होम्योपैथी चिकित्सा उपचार से ठीक हो सकती है
आज मुझे या कोई भी जानकर के लिए कहते हुए ये गर्व होगा की विश्व में डॉ शमूएल हहनेमन् ऐसे पहले व्यक्ति थे जिसने आधुनिक चिकित्सा पद्धति की डिग्री ली जो किसी आधुनिक यूनिवर्सिटी से ऐसा आधुनिक चिकित्सिक जो जर्मनी जैसे देश से जिस देश को विश्व में विज्ञान की नई नई खोज दे कर आज विश्व में हम धरती में साइकिल लेकर कार और बुलेट ट्रेन से सफर कर पाये है और आसमान में हेलीकाप्टर से लेकर जेट विमान और भी जल में भी हम सुरक्षित यात्रा और हमारी रक्षा प्रणाली है घर के रोजमरा कार्य और खेती किसानी आसान हुई है आज जो भी विश्व में तरक्की हुई है ये विज्ञान की निरन्तर खोज का ही परिणाम है और हमारा हर किस्म का कार्य आसान हुआ है विश्व में प्रचिलित सभी चिकित्सा पद्धतियों जैसे एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक हिप्पोक्रेट है इनकी एजुकेशन क्या थी ?जिन्होंने सबसे पहले बीमारियो का इलाज दवाइयो से होता है किसी जादू टोनों से नहीं होता है ये कहा उन्होंने ने भी अपने ऑब्जरवेशन में ये भी पाया की प्राकृतिक बीमारियो में कम मात्रा की दवाइया से ही रोगी ठीक हो सकते है या क्योर यानि similia, similibus,curentur भी कहते है
उसके बाद 1796 में सरप्रथम ऐसे चिकित्सिक डॉ हहनेमन् ने अपने लंबे चिकित्सा अनुभव से होम्योपैथी चिकित्सा को अस्त्व में लाये जिससे उस समय से आज तक पुरे विश्व में एक हलचल मच गया है की अब क्या होगा जिससे हम सब लोगो को मुर्ख बना कर लुट रहे है अब कैसे इनको मुर्ख बनायेगे ।
इसीलिए जो होम्योपैथी चिकित्सा को सूडो मेडिकल साइंस कहते है या क्वेक कहते है गैर वैज्ञानिक चिकित्सा कहते है उनको खुद ही होम्योपैथी की दवाइया खुद के ऊपर proved करना चाहिए तभी ही इसके प्रति घृणा या भ्रम रखिये ।आज भारत देश में हर जगह सरकार जो भी नई नई एक्यूट डिजीज आ रही है या जानलेवा है जिनको एलोपैथी चिकित्सा उपचार के बस में ही नहीं है उनके रोकथाम से लेकर उनका सफल उपचार होम्योपैथी कर रही है ऐसे सकारात्मिक परिणाम के बाद भी proved माँगना मतलब आप इसकी काबिलियत से मात्र जल रहे है आपको डर लग रहा है और कुछ नहीं की अब मुर्ख बनाने वाली दुकाने बन्द ना हो जाये ।
इसीलिए सरकार को ऐसे ऊटपटांग आईडिया या न्यूज़ को भ्रमित किया जाता है बजट नहीं दिया जाता है जिससे आज ये स्नेरियो बनाया गया है की इनको और इनके छात्रो और छात्राओ और चिकित्सिको को मजबूर कर दो की वो एलोपैथी की मांग करे इनको सरकार के चलाये जा रहे कोई भी स्कीम में इंट्री ना मिले क्योंकि ये अगर गाँव गाँव तक पहुच गए तो इनको पुरे भारत की जन जन तक अधिक लोकप्रिय होने से कोई रोक नहीं पायेगा
क्योंकि खुद ही होम्योपैथी चिकित्सिको की देख रेख का तरीका और उनका बोलचाल व्यहार और दवाइयो के कारगर परिणामो से जनता खुद ही इनकी डिमांड यानि मांग करने लगेगी ।किसी कारण से ही NRHM या NHM और RBSK में लिए हुए होम्योपैथी चिकित्सिको को इनकी चिकित्सा से उपचार नहीं करा रहे है इनसे या तो डिजीज का सर्वे या स्क्रीनिंग कराकर एम्बुलेंस से भटकता रहते है क्या ये उचित है की आज होम्योपैथी चिकित्सा की दुर्दशा क्यों है ?आज मैं आप सभी उस हर पढ़ने वाले जैसे करेंट रिव्यु के पाठकगण आप से पूछना चाहूँगा की क्या आपने कभी होम्योपैथी चिकित्सा का परामर्श किया होगा या चिकित्सिक से मिले होंगे उनको उसकी योग्यता और उपयोग्यता समझ में आई होगी ।
आज शासन और प्रशासन चाहे केंद्र हो या राज्य सरकारें हो उनके दुवारा संचालित आयुष विभाग है आज शिक्षा तो दे रहे है पर इसमें भी पक्षपात है एलोपैथी के सरकारी कॉलेज और हॉस्पिटल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समुदायक केंद्र जिला चिकित्सलय रिसर्च सेंटर और इसके बाद आयुर्वेदिक चिकित्सा को महत्व जबकि खुद ही ये आयुर्वेदिक उपचार नहीं एलोपैथी करते है इनको प्राथमिकता है जो खुद ही एलोपैथी के सहारे चल सकती है इस पर विचार करे ।
आज विश्व में होम्योपैथी ही ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो अपने उपचार के दम से निरंतर लोगो और कई अजेंसिया और वैज्ञानिक इसके प्रति अपने आपको जनता तक स्थापित करने के लिए कुप्रचार शुरू करते है रहने के बाबजूत भी आगे है इसकी खुद की दवाइयो से मरीजो को बेहद फायदा हो रहा है जिन रोगियो को कोई आस नहीं उनके लिए भी होम्योपैथी से चिकित्सा संभव है और होती है होम्योपैथी हर तरह के रोंगो में फायदेमंद सावित हो रही है चाहे रोकथाम में हो उपचार में हो या palliation या सप्रेशन में हो इसकी उपयोग्यता निरन्तर इसीलिए भी बड़ रही क्योंकि ये गरीबो अमीरो के उपचार में किसी भी तरह का अंतर नहीं रखती है जो दवाई गरीबो के लिए है वो ही दवाई रहिशो के लिए होती है
आज विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति है तो वो है एंटी पैथी जिसको एलोपैथी चिकित्सा कहते है जो आज भी और निरंतर दर्द देने वाली चाहे शरीरिक स्तर पर हो और मानशिक स्तर चाहे आर्थिक स्तर पर हो सभी तरह से दर्द देने वाली है चिकित्सा है
एन्टी पैथी उस समय जब हिप्पोक्रेप्ट ने उस मोड ऑफ़ ट्रीटमेंट को चुनोती दी जब बीमारियो को भगवान् की श्राप या दंड या भुत प्रीत आत्मा समझा जाता था उसका उपचार झड़ फूक और जादू टोनों से होता था बड़े क्रूर तरीको से जो ठीक हो गई तो उनको ऐसे नाम दे कर खुश होते थे उनको ही साध्य बीमारिया कहते थे और जिनको आराम नहीं मिलता उनको भगवान् शैतान और श्राप होनी अन होनी और जिनका कोई उपचार संभव नहीं है वो ना इलाज है उनको घर से बेघर करके जगलो में अकेला छोड़ दिया जाता था उनका भहिस्कर किया जाता था
उसके बाद हिप्पोक्रेप्ट ने ये बात पहली बार कही की बीमारिया का कारण नेचुरल है और उनकी चिकित्सा समाधान भीओषधियों दुरा ही संभव है इसके बाद से ये उपचार आया फिर भी इस उपचार से palliation और सुप्रेशन ही हुआ है कोई भी बीमारिया को जड़मूल से खत्म नहीं किया जाता है ये उन्होंने और आज चाहे एक्यूट या क्रोनिक नेचुरल कॉज से हो या कोई भी अनेचुरल कॉज से हो अनेचुलर कॉज वाली तो palliation या सुप्रेशन से ठीक हो सकती है फिर भी ये देखना पडेगा की कही बो आगे जानलेवा सावित ना हो क्योंकि ड्रग्स के भी साइड इफ़ेक्ट बहुत देखे गए है और ये आज दुनिया अनजान नहीं है 50%बीमारिया या तो गलत उपचार से या उनके बहित लम्बे उपचार से किडनी लिवर और भी वाइटल ऑर्गन को बहुत नुकसान होता है क्योंकि ये दवाइया का मेटाबोलिक रास्ते से ही absorption होता है तभी ये एक्शन करती है इनमे dose मटेरियल खुराक होती है 4 से 6 घंटो में दवाइया देना होती है फिर एक दवाई नहीं इनमे पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक्स और विटामिन्स सिरप ओरल और इंजेक्शन आदि आदि होते है
इसके बाद जो इनकी इन सभी दवाइयो और सर्जिकल प्रोसेस से भी कण्ट्रोल नहीं हो पाई तो उनको लाइलाज कहकर ये बोल देते है की अब दुनिया में इस फलानि बीमारियो का इलाज सम्भव नहीं है ??ये आज प्रश्न चिन्ह था और आज है भी
19 सेंचुरी में डॉ हहनेमन् ने उसी लाइलाज बीमारियो के ओषधियों से सफल उपचार या क्योर की बात को अपने एक्सपेरिमेंटल ऑफ़ नेचुरल untreated इलनेस के लिए dyanamic थ्योरी का एवॉलशन हुआ और जब ये सफलता पूर्वक इनकी चिकित्सा सम्भव हुई तो ऐसे लोगो ने चिकित्सिको ने इसको मीठी गोलियों से कैसे इलाज हो सकता है इनकी जाँच करो जाँच में ये dyanamic फेज में शक्तिकृत दवाइयो में मेटेरियल प्रॉपर्टी नहीं होती है वो एनर्जी में कन्वर्ट होती जाती है जैसे डेसीमल स्कल्स या सेंटिमल स्कल्स और 50 मिलिसिमल स्कल्स से होम्योपैथी फार्मेसी में दवाइयो को तैयार किया जाता है जो इस बात का भी प्रमाण है की कोई भी ओषधोय जब तक स्वास्थ्य मनुष्यो के सभी उम्र और लिंग में प्रमाणित नहीं होंगी तबतक होम्योपैथी चिकित्सा का हिस्सा नहीं हो सकेगी
ये भी विश्व में पहली बार डॉ हहनेमन् दुवारा सर्वप्रथम healthy humen being पर ड्रग्स प्रोविंग की बात कही जब उन्होंने ने खुद ही सिनकोना बारक की प्रोविंग जब की जब वो कुलेन की मटेरिया मेडिका का का ट्रांस्लेशन कर रहे थे क्योंकि उन्होंने ने एंटी पैथी चिकित्सा को छोड़कर बो अपनी जीविका फेमस लेखको औरवैज्ञानको की रिसर्च या बूको का ट्रांस्लेट करके जीविका चलाते थे
ये सभी बाते पूर्ण प्रमाणिकता से
डॉ हहनेमन् की राइटिंग की बुक
मटेरिया मेडिका पूरा volme 1 &2 में है
और उनके दुवारा लिखित ऑरगेनन ऑफ़ मेडिसिन के 1 से लेकर 6 एडिशन में लिखी गई है और ये मार्किट में या ऑनलाइन मिलती है …
शिक्षा की बात करे तो भारत देश में होम्योपैथी की शिक्षा सर्टिफिकेट डिप्लोमा और डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन और PHD भी होने लगी है जो Ugc और सभी बेसिक एजुकेशन सिस्टम जो एलोपैथी की शिक्षा में लागु है वो ही है उसके बाद भी एलोपैथी को सभी अवसर प्राप्त है जबकि होम्योपैथी को जीरो अवसर ही प्राप्त है शासकीय स्तर पर शासकीय कॉलेज शिक्षा CCH एक्ट 1973,1975 और CCH एक्ट संसोधित बिल 2019 के बाद भी शासकीय कॉलेज की भारत की जनसंख्या के आधार पर भारत में कॉलेज एवम् हॉस्पिटल और डिस्पेंसरियों की संख्या बहुत ही कम है जबकि होम्योपैथी चिकित्सा को कम से कम 30-40 % जनता ले रही है लगभग ये भी बिना किसी भी सरकारी सहायता के कम संसाधनों के किसी तरह की स्वास्थ्य नीति में इसको पूरी तरह से दूर किया गया है
आज होम्योपैथी के सरकारी कॉलेज में ग्रेजुएशन कोर्स BHMS की फीस जयदा है और पोस्ट ग्रेजुएशन MD की फीस जयदा है एलोपैथी के शासकीय कॉलेज से और स्टाइपेंड भी कम है और अवसर 00%है इतनी उपेक्षा का शिकार होम्योपैथी है जो आज अमीरो और राजनेताओ और गरीबो के लिए एक डूबती जिंदगी की आस है एलोपैथी चिकित्सा के पहले और बाद में जब एलोपैथी वर्क ही नहीं करती है ……..
अब मैं कुछ मेरे खुद के अनिभव जो एक्यूट और क्रोनिक डिजीज
और कुछ सर्जिकल डिजीज के सफल टेस्टीमोनियल देता हूँ
एक पूर्व सांसद जी
उनको बेक और पीट पर wart थे जब वो सर्किट हाउस में थे मुझे किसी के मध्ययम से बुला तो मैंने उनसे बात ही बातो में उनके सामने ग्रामीण श्रेत्र की सेवाओ में होम्योपैथी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओ में लेने का प्रसताव शासन के सामने रखने को बोला क्योंकि उस समय उनके 3 -4 MLA सरकार में थे उन्होंने मेरा मज़ाक उड़ाते हुए कहाँ क्या करोगे आप गांव जाकर क्या आप इस मीठी गोलियों से सर्जरी करोगे उसके बाद मुझे बुरा लगा उन्होंने बोला मुझे मस्से है क्या इनको ठीक कर सकते है मैंने बोला है ये होम्योपैथी दवाइयो से झड़ जायेंगे मैंने उनको कॉस्टिकम 200 की एक ही खुराक दी
उसके 15 दिन बाद वो खुद मीडिया के सामने बोला की होम्योपैथी से मेरे मस्से झड़ गए ।
उसके बाद उन्होंने अपनी बेटी जो कॉलेज में पढ़ रही थी उसको जन्म से जीभ और मुह छले थे जिससे उसको जो किसी भी तरह की कोई मेडिसिन से ठीक नहीं हुए होम्योपैथी की मोर्क शोल 200 की दो खुराक देने के कुछ दिन बाद ही सही हुई ।
एक फार्मेसी का छात्र था उसको कोर्न थे उसने मुझसे बोला सर मुझे चलने में दर्द होता है डॉक्टर्स को दिखया तो मुझसे ऑपरेशन करके निकलने को बोला मैं डर गया हूँ कोई होम्योपैथी दवाई दो मुझे तो मैंने उसको antim cruid 30 में 7 दिन दी उसके 15 दिनों में कोर्न ठीक हुए ।
ऐसे कई केस है जो आपको वैसे ही होम्योपैथी चिकित्सा से भी ठीक होते है जैसे एलोपैथी से और वो भी किसी तरह के दुष्प्रभाव के सस्ती और सुरक्षित कारगर चिकित्सा से

सभी आदरणीय चिकित्सिक एवम् बुद्धिजीवी
एवम् जो होम्योपैथी चिकित्सा का उपचार ले रहे है
उनके लिए एक खास जानकारी
जो बेहद जरुरी में समझता हूँ
कोई भी चिकित्सा पद्धति चाहे एलोपैथी हो या होम्योपैथी के चिकित्सिक हो किसी भी बीमारियो में एक्यूट और क्रोनिक बीमारियो को कोई ठीक होने की गेरेंटी नहीं ले सकता है पर जो चिकित्सिक नियमित उपचार देते आ रहे है वो अपने अनुभव के आधार पर अपने मरीजो पर दिए हुए उपचार पर टेस्टीमोनियल जरूर देते है जिससे समाज में एक विश्वास बढ़ता है की कोई भी बीमारियो का उपचार सम्भव है या नहीं है फिर उसको कैसे रोक सकते है उनका क्या उपचार है उस चिकित्सिको की नियमित प्रैक्टिस में ये देखने में मिलता आ रहा है ।

मेरे पास कई केस है जिनका डेंगू के कारण और वायरल भुखार के प्लेटल्स इसी दवाई को देने से उनके प्लेटल्स बड़ गए है
एक केस एक अम्मा उम्र 55 वर्ष
कटनी की रहने वाली इसी अगस्त में मेरे पास उनका बेटा लेकर आया शाम 7 बजे मेरे घर पर
उन्होंने बताया की मुझे 7 दिन पहले जाड़ा देकर बुखार आया साथ में पूरा बदन दुखने लगा और पुरे सिर में दर्द आँखे भारी और उसके बाद खूब पसीना आया फिर बुखार ठीक हो गया कुछ समय बाद फिर ऐसा ही हुआ डॉक्टर्स साब को दिखया तो उन्होंने मलेरिया कहा और जाँच भी कराई मलेरिया के इंजेक्शन दिए पर कुछ समय के लिए बुखार उतरा पर मेरी तबियत और बिगङे लगी फिर मेरा छोटा बेटा भोपाल मेरे बड़े बेटे के पास लाया है अब मेरी इतनी हिम्मत नहीं की मैं चल सकु चक्कर आ रहे है सिर फटा जा रहा है पुरे बदन में दर्द है जोड़ो में भी दर्द है
बुखार का मिजाज बदलता सा है कभी तेज़ कभी कम पर बुखार है बुखार सुबह 7 बजे के आस पास महसूस होने लगता है स्वाद कड़वा लगता है कुछ भी खाये पानी पिए तो पर भूख तो हे ही नहीं है पानी भी कम ही पिने लगे है
उनकी जाँच कराइ तो मलेरिया तो नहीं आया पर उनका widal टेस्ट +ve आया HB 7.5 gm आया
प्लेटलेट्स 75 000 के आस पास थे ।
जब उनको मैंने Eupotorium perf 200 को BD X 3 दिन के लिए दिया
साथ ही उनका
BP 80/50
puls 60 /min
और
उनको मैंने बोला आपको अगर बुखार में आराम नहीं मिलता है आपको दिक्कत बढ़ती है तो हॉस्पिटल जा कर दिखा लेना ।
क्योंकि इस अवस्था में आपको हॉस्पिलिज़शन की जरुरत है
उन्होंने बोला मुझे नहीं जाना वो तो मार देगे मुझे मैं बहुत डर गई हु मैंने कहा अम्मा कोई भी डॉक्टर्स मरता नहीं बल्कि आपकी तकलीफ को कम करता है ।आप समझो पर बो नहीं ना ही उनके परिवार वाले ।
उन्होंने कहा डॉक्टर्स साब आप ही इनको देखिये अब क्योंकि मुझे समय भी नहीं है मेरी वाइफ प्रेग्नेंट है उसका 7 -8 माह है मैं अकेला हूँ मैं उसको देखु या अम्मा को
मुझे आएसा कर दे जिससे मैं दोनों की केअर कर सकु और अपना टीचिंग का कार्य और ट्यूशन भी पढ़ा सकु ।
दूसरे दिन थोडा बुखार कम हुआ स्वाद अच्छा हुआ कुछ खाना खाया
सिर दर्द में आराम हुआ
पर कमजोरी इतनी की चलते ही नहीं बन रहा था उनका BP कम ही था
मैंने उनको चुकन्दर का जूस पिने को कहा मुंग की खिचड़ी और दाल पिने को बोला उन्होंने वैसे ही किया
साथ ही Ars alb 200 का एक खुराक तुरन्त दिया
साथ ही ORS पिने को बोला ये नहीं तो कॉफी पीजिये या घर पर ही एक चुटकी नमक और आधा नीबू का रस और एक चम्मच शकर 1 लीटर पानी में मिलाकर पीजिये ।
उसके 3 दिन बाद उनकी तकलीफ दूर हो गई बुखार चक्कर आना और सिर दर्द बदन दर्द BP भी 110/70
puls 80/min हुई

उनके HB भी बड़ा प्लेटलेट भी 1 लेख से ज्यादा हुए ।

उसके साथ मैंने बोला की

ये होम्योपैथी दवाइयो के लेने से उनके लक्षण कम होते है और इम्युनिटी बढ़ती है जिससे उनके प्लेटलेट्स भी बढ़ने लगते है ।और उस दौरान किसी तरह की लाइफ ट्रेथनिंग कंडीशन से भी बचते है ।
होम्योपैथी चिकित्सा एक पूर्ण साइंटिफिक चिकित्सा है इसके बारे में किसी भी तरह की भ्रान्ति ना पाले ना ही फैलाये ।
जन हित में जारी
होम्योपैथी होलिस्टिक एप्रोच से आपकी उपचार देती आ रही है और देती रहेगी ।
ये किसी भी तरह की अफवाह होम्योपैथी और होम्योपथ चिकित्सिको बदनाम करनी की साजिस होती रही है मरीजो को बेहद फायदा होता है
कोई भी होम्योपैथी की दवाइयो को लेने में
मेरे पास एक अभी भी केस चल रहा है
MR 40 वर्ष के है वो मेरे पास पिछले साल नेवम्बर 18 में आये ओपीडी 6 में शासकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवम् हॉस्पिटल भोपाल आयुष कैंपस में वो एक पत्रकार है और समाज सेवक भी उनकी एक तत्पर मासिक पत्रिका भी निकलती है
उनकी प्रमुख्य समस्या थी
की उनके पेनिस में बहरी और भीतरी जगह गोभी के तरह के वार्ट्स मस्से थे जिससे उनका पूरा पेनिस और ग्लेन्स पेनिस ढका हुआ था वो बेहद डरे और चिंतित थे और अलर्ट भी मेरी ठीक एवम् शार्प और एक्टिव और क्रिएटिव नेचर और उसमे खुजली बहुत होती थी रात में जयदा और फंगस टाइप समेल्स भी ।
जब मैंने उनकी पूरी केस हिस्ट्री डॉ हहनेमन् के नियम अनुसार ली और तो उनको HVP वायरस का इन्फेक्शन हुआ था क्योंकि वो अधिकतर यात्राये करते है उसमे वो कई टॉयलेट प्रयोग करते है उनसे ये इन्फेक्शन हुआ था
उसका उपचार एक साल पहले वो एलॉपथी करा चुके थे होर्मोनल्स खाने और लगाकर पर उनको कोई भी फायदा नहीं हुआ डॉक्टर्स ने उसको कोटरीज करने को बोला वो डर गए ।
मैंने उनको HPV के बारे में बताया ।तो उन्होंने उसका उपचार होगा की नहीं मुझे पूछा मैंने कहा उपचार हो जायेगा पर आपको नियमित उपचार में रहना होगा उन्होंने अपनी उपचार के लिए सहमति दी
मैंने उनके
लिए खून और पेशाब और
शुगर की जाँच लिखी
और Hb1ac करवाने को कहा
उनको तुरन्त अपनी पैथोलॉजी में उनके सेम्पल दिलवाये
उसके
वाद
उनको
Sulph 200 एक
खुराक सुबह खाली पेट एक दिन खाने को बोला
और साथ में सैक लेक दिया दोनों टाइम 7 दिन केलिए
उसके बाद
जब उनकी रिपोर्ट देखि तो
खून और पेशाब में शुगर बड़ी हुई मिली
इनकी Hb1ac की रिपोर्ट में
10.7 % value थी
मैंने उनका
डाइग्नोसिस
HPV with drug induse diabetes किया
उसके बाद
उनके फॉलो up शुरू हुए और एक माह में ही उनके सभी मस्से खत्म हुए
और आज उनकी शुगर नार्मल है
HB1ac 6.5 % है
उनकी सभी लक्षण समान्य हो गए वो एक स्वास्थ्य जीवन जी रहे है अपना दैनिक जीवन कार्य अच्छे कर रहे है उनका डिप्रेसीन और चिंताए ठीक हुई है मूलकारण के साथ ।
होम्योपैथी मरीज तैयार नहीं बल्कि मरीजो को स्वास्थ्य लाभ दे कर कम करती है
ये अभी भी मेरे पास आते है
आप आकर ओपीडी में देख सकते है ये पूरा केस बिना किसी एलॉपथी मेडिसिन के साथ सक्सेस हुआ
थैंक्स

डॉ रमेश प्रेमी
MD स्कॉलर (होम्योपैथी मेडिसिन)
शासकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवम् हॉस्पिटल भोपाल
आयुष कैंपस कालिया शोत डेम के पास भोपाल मध्य प्रदेश
8718054006

मेंरी जनता से अपील
होम्योपैथी अपनाओ ये जीवन में उजाला ला देगी
कोई भी बीमारिया हो होम्योपैथी लो
सुरक्षित जीवन की परिकल्पना होम्योपैथी चिकित्सा के साथ जुड़ा दुवारा जनहित में जारी

आदरणीय साथियो नमस्कार होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रतिघृणा भाव रखने वालो जरा सोचो की आज और आने वाले कल के लिए ये कितनी उपयोगी है आज आदरणीय स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट जी लोगो के बीच गए उनको होम्योपैथी से उनको डेंगू और चिकन गुनिया जैसे फेल पुरे मध्य प्रदेश में जो बचाव होने पहले और हो गया है तो भी और ना हो दुवारा तो भी ये Eupatorium purp 200 को घर घर बाट रहे है जय हहनेमन् जय होम्योपैथी जय जन नायक जय भारत की जनता

डॉ रमेश प्रेमी
MD स्कॉलर (होम्योपैथी मेडिसिन )
एवम् जुड़ा प्रेसिडेंट
शासकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवम् हॉस्पिटल
आयुष कैंपस कालिया शोत डेम के पास भोपाल M.P.
8718054006

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