Sunday Special
दीपावली
दीयों की,
गुस्ताखियाँ – आज,
अंधेरे को,
जमने ना देंगी,
एक,अपनी सी,महक हैं,
शोक को,
थमने ना देंगी,
दीयों की,
गुस्ताखियाँ – आज,
अंधेरे को,
जमने ना देंगी !
थालियों में,
खील – बताशे,
और मिठाई – ढेर सारी,
रंगोली,आँगन की सजीली,
वन्दन – वार,
चौखट,पर है वारी,
सब है अपने,और पराया,
भी किसे,कहने ना देंगी,
दीयों की,
गुस्ताखियाँ – आज,
अंधेरे को,
जमने ना देंगी !
एक रस्ते में,
सजा है,
रोशनी का कारवां,
और खुशबु ने,
रखा है,
कदम अपना,यहाँ वहां,
शहनाईयां,मद्दम सी सारी,
जोश को,कमने ना देंगी,
दीयों की,
गुस्ताखियाँ – आज,
अंधेरे को,
जमने ना देंगी !
दीपावली की शुभकामनायें !
अवनि