राजनीती

बहराइच लोकसभा सीट में बढ़ी शब्बीर अहमद की लोकप्रियता

बहराइच।लोकतांत्रिक व्यवस्था के सुचारू संचालन व जनकल्याणकारी सरकार के लिए एक बेहतर जनप्रतिनिधि का चयन बेहद जरुरी है। जनप्रतिनिधि का मतलब जनता का प्रतिनिधित्व करने वाला, उनकी आवाज़ बनने वाला हो। लेकिन पिछले कुछ सालों से जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों पर सवाल उठने लगे हैं। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि उनकी आवाज़ बनने की बजाय सत्ता की चकाचौंध में खोते दिख रहे। संघर्ष करने वाले नेताओं की बजाय धनबल, बाहुबल और आपराधिक प्रवृत्ति वालों की भरमार होती जा रही। आखिर राजनीति के इस बदले स्वरुप का जिम्मेदार कौन है। जनता को कैसा जनप्रतिनिधि चाहिए। 
बहराइच तरंग पत्रिका ने लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र जानने की कोशिश की है कि आखिर कैसा हो हमारा नेता? इसके लिए समाज के हरवर्ग के दिल की आवाज़ को समाज की आवाज़ बनाने के लिए हमने अभियान की शुरुआत की है। सोमवार को इस मुद्दे पर उस वर्ग से जानने की कोशिश की गई कि  कैसा हो उनका नेता?
अवधेश जी ने कहा कि  जनप्रतिनिधि का मतलब वह जो जो जनता के लिए संघर्ष कर सके। पहले से जनता के साथ जुड़ा रहा हो और जनता के लिए संघर्ष करता हो। देखा जाता है जनता जाति, धर्म और पैसा-बाहुबल को तरजीह देकर अपना चुनाव कर देती है लेकिन बाद में शिकायत करती है। जो पहले किसी के लिए संघर्ष न किया हो वह बाद में क्या करेगा। हमारे नेता शब्बीर अहमद है जो हमारे साथ कदम से कदम मिलकर चल सके हम उनसे बात कर सके हमे ऐसा नेता चाहिए अगर शब्बीर अहमद जी लोकसभा चुनाव में आते है तो उन्हें भारी मतों से जिताने का प्रयास करेंगे।
दीपक जी ने कहा कि .शब्बीर अहमद की कोई तुलना नही कर सकता वे मृदुभाषी,  वह जनता के लिए संघर्ष करते है औरआगे भी नहीं करेंगे। अब जनता भावनाओं में नही बहकेगी है।
रामू जी ने कहा कि. हमारा प्रतिनिधि वह हो जो हमारी आवाज़ बन सके, हमारे लिए संघर्ष कर सके। हमारे मुद्दों को बेहतर ढंग से जानकर उचित तरीके से उसका निराकरण करा सके। ऐसा बहराइच में एक ही वयक्ति है और ओ हैं शब्बीर अहमद हम सब मिलकर उन्हें भारी बहुमत से जिताएंगे।
मो.शरिफ ने कहा कि जनता का प्रतिनिधि वह होना चाहिये जो जनता के बीच रहता हो। समाज और लोगों की समस्याओं से रूबरू होता हो, उनको बेहतर ढंग से समझता हो। समाज और जन की समस्याओं को समझ उसके लिये काम कर सके। अगर बहराइच लोकसभा के परिवेश में देखे तो यहां तमाम समस्याएं हैं। स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात समस्या यहां प्रमुख हैं। 
उन्होंने कहा कि अगर जनता ने सही शब्बीर अहमद को चुना हो तो वह इन समस्याओं के लिए संघर्ष करेगे। उनके निराकरण की खातिर उचित फोरम में आवाज़ उठाएगे।
राकेश शर्मा  ने कहा कि जनता का प्रतिनिधित्व वह करे जो अपनी जनता को समझ सके। अपने क्षेत्र की समस्याओं को जानता हो, उसके हल के लिए जनता की आवाज़ बन सके। इसके लिए एक सबसे बड़ी अर्हता हो कि वह पढ़ा-लिखा हो। उसकी समाज में बेहतर छवि हो। आमतौर पर देखा जाता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले या धनबल के बल पर तमाम लोग चुनाव जीत जाते। जनता भी फौरी तौर पर उनको समर्थन दे देती लेकिन आगे के पांच साल वह पछतावा करती है। हमको ऐसे लोगों को चुनना चाहिए जो हमारे बीच का हो, हमारे लिए संघर्ष करता हो। और ऐसा नेता तो केवल शब्बीर अहमद जी है जो किसी के बुलाने पर उसके दरवाजे पर बिना किसी लालच के पहुँच जाते है और उसके हर तकलीफों में हर सम्भव मदद करते है हमें ऐसा नेता चाहिए जो हमारे बीच का हो ।
अरुण जी कहते है कि हमारा नेता वह हो जो वस्तुस्थिति से वाकिफ हो, विषय का ज्ञान हो, समझने वाला हो। ऐसा हो जो समस्याओं को सुलझाने में रुचि ले सके। जो जाति-धर्म और अन्य विवादों से ऊपर की सोच विकास और जनसमस्याओं को निपटान करने में अपनी क्षमता को लगाये। भारतीय संविधान में भले ही जनप्रतिनिधियों की शिक्षा तय नहीं है लेकिन यह माना जाता है कि जो चुना जाएगा वह बेहतर समझ रखता है। लेकिन व्यवस्था के संचालक हमारे नेता खुद अपनी समस्याओं में उलझते जा रहे। आखिर ऐसा कौन सा कारक है कि एक राजनैतिक व्यक्ति और आमजन के आय की वृद्धि में असमानता है। निश्चित रूप से इसपर सबको विचार कर नेता चुनना होगा।

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